क्या हम अपनी पृथ्वी को जानते हैं? - डॉ सुश्रीशरदसिंह | Do we know our earth? - Dr. Ms. Sharad Singh
🌏 हम सोचते हैं कि हम अपनी पृथ्वी को जानते हैं, लेकिन सच यही है कि हम अपनी पृथ्वी के बारे में 5 ℅ - 10% से अधिक नहीं जानते। कम से कम हम आमजन। मैं वैज्ञानिकों की बात नहीं कर रही हूं। मैं बात कर रही हूं मेरे जैसे जिज्ञासु लोगों की, जो जानना चाहते हैं और धीरे-धीरे जानने का प्रयास करते रहते हैं। मैं बात कर रही हूं उन लोगों की भी जो सोचते तो है कि वे पृथ्वी को जानते हैं लेकिन न तो वे जानते हैं और न जानना चाहते हैं। वह अपनी छोटी-छोटी जरूरतों में उलझे रहते हैं। उनकी पृथ्वी उनकी अपनी ज़रूरतों तक सिमटी रहती है। दुर्भाग्य से ऐसे लोगों की संख्या अधिक है. .... तो क्या हम उनसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे जलवायु परिवर्तन को समझ सकेंगे या पर्यावरण को बचा सकेंगे या फिर इस पृथ्वी को बचाने के बारे में सोचते भी होंगे? इस पूरे ब्रह्मांड में अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार एक पृथ्वी ही है जो जीवन से परिपूर्ण है हम भला उसे मंगल ग्रह की भांति जीवन कैसे होने दे सकते हैं? लेकिन हम कर क्या सकते हैं? मैं जब भी इस प्रश्न का जवाब ढूंढती हूं तो मुझे सबसे पहले यही उत्तर मिलता है...