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दुनिया में पक्षियों की कितनी प्रजातियाँ हैं? | How many species of birds in the world? - Dr (Ms) Sharad Singh

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दुनिया में पक्षियों की कितनी प्रजातियाँ हैं? | How many species of birds in the world?  विश्व में पक्षियों की लगभग 10,000 से 11,000 प्रजातियाँ हैं। अमेरिकी प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय और पक्षीविज्ञानियों के अनुसार प्रजातियों पर चल रहे शोध और पुनर्वर्गीकरण के कारण इनकी संख्या 18,000 या 20,000 भी हो सकती है। There are roughly between 10,000 and 11,000 species of birds in the world.  18,000 or even 20,000, due to ongoing research and reclassification of species according to the American Museum of Natural History and ornithologists.  #DrMissSharadSingh #earthtalk #डॉसुश्रीशरदसिंह #knowtheearth  #savetheearth  #savetheplanet

इस दुनिया में कितनी प्रजातियां हैं? | How many species are there in the world? - Dr (Ms) Sharad Singh

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इस दुनिया में कितनी प्रजातियां हैं? | How many species are there in the world?       इस दुनिया में लगभग 8.7 मिलियन प्रजातियां हैं, जिनमें से लगभग 2 मिलियन का ही वैज्ञानिक रूप से वर्णन और सूचीकरण किया गया है। यह संख्या अनुमानित है, और कुछ अध्ययनों में 1 ट्रिलियन तक की संख्या का भी अनुमान लगाया गया है। There are approximately 8.7 million species in the world, of which only about 2 million have been scientifically described and catalogued. This number is an estimate, and some studies put the number as high as 1 trillion.  #DrMissSharadSingh #EarthTalk #डॉसुश्रीशरदसिंह  #knowtheearth  #savetheearth  #savetheplanet

क्या हमारे पास घर के रूप में कोई अन्य ग्रह है? | Do have we any other planet as home?

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क्या हमारे पास घर के रूप में कोई अन्य ग्रह है? Do have we any other planet as home? हमारे सौरमंडल में किसी अन्य ग्रह पर वर्तमान में जीवन के अनुकूल स्थितियां नहीं हैं, जैसी कि पृथ्वी पर हैं। फिर भी हम अपने घर यानी पृथ्वी को नष्ट करने पर तुले हैं यह हमारा पागलपन नहीं तो और क्या है? No other planet in our solar system currently has conditions as favorable for life as Earth has. Yet we are hell-bent on destroying our home, the Earth. If this isn't our madness, then what is? #DrMissSharadSingh #डॉसुश्रीशरदसिंह #knowtheearth  #savetheearth  #savetheplanet #earthtalk

कहीं हम टैकटोनिक प्लेट्स को डिस्टर्ब तो नहीं कर रहे? | Are we disturbing the tectonic plates?

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कहीं हम टैकटोनिक प्लेट्स को डिस्टर्ब तो नहीं कर रहे? | Are we disturbing the tectonic plates? पृथ्वी की सतह टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है जो लगातार हिलती रहती हैं, जिससे भूकंप और ज्वालामुखी जैसी घटनाएं होती हैं। पृथ्वी पर सात प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटें हैं: अफ्रीकी, अंटार्कटिक, यूरेशियन, इंडो-ऑस्ट्रेलियाई, उत्तरी अमेरिकी, प्रशांत और दक्षिण अमेरिकी। भारत इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट पर स्थित है। टैकटोनिक प्लेट्स को बड़े बांधों से खतरा है क्योंकि वह प्लेट्स के ऊपर असंतुलन पैदा करते हैं। सोने की बात है की ठोस जमीन को काटकर वहां पानी भर दिया जाए तो पानी में उठने वाली जल तरंगे भी प्लेट्स को डिस्टर्ब कर सकती हैं। उत्तराखंड में होने वाले हादसे इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। Are we disturbing the tectonic plates? The surface of the Earth is made up of tectonic plates that keep moving continuously, causing incidents like earthquakes and volcanoes. There are seven major tectonic plates on Earth: African, Antarctic, Eurasian, Indo-Australian, North American, Pacific and South American. India i...

क्या हम अपनी पृथ्वी को जानते हैं? - डॉ सुश्रीशरदसिंह | Do we know our earth? - Dr. Ms. Sharad Singh

🌏 हम सोचते हैं कि हम अपनी पृथ्वी को जानते हैं, लेकिन सच यही है कि हम अपनी पृथ्वी के बारे में 5 ℅ - 10% से अधिक नहीं जानते। कम से कम हम आमजन। मैं वैज्ञानिकों की बात नहीं कर रही हूं। मैं बात कर रही हूं मेरे जैसे जिज्ञासु लोगों की, जो जानना चाहते हैं और धीरे-धीरे जानने का प्रयास करते रहते हैं। मैं बात कर रही हूं उन लोगों की भी जो सोचते तो है कि वे पृथ्वी को जानते हैं लेकिन न तो वे जानते हैं और न जानना चाहते हैं। वह अपनी छोटी-छोटी जरूरतों में उलझे रहते हैं। उनकी पृथ्वी उनकी अपनी ज़रूरतों तक सिमटी रहती है। दुर्भाग्य से ऐसे लोगों की संख्या अधिक है. ....  तो क्या हम उनसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे जलवायु परिवर्तन को समझ सकेंगे या पर्यावरण को बचा सकेंगे या फिर इस पृथ्वी को बचाने के बारे में सोचते भी होंगे?         इस पूरे ब्रह्मांड में अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार एक पृथ्वी ही है जो जीवन से परिपूर्ण है हम भला उसे मंगल ग्रह की भांति जीवन कैसे होने दे सकते हैं? लेकिन हम कर क्या सकते हैं? मैं जब भी इस प्रश्न का जवाब ढूंढती हूं तो मुझे सबसे पहले यही उत्तर मिलता है...